Updates: हिमाचल प्रदेश में दिखा भारत बंद का असर, हुआ शांतिपूर्वक प्रदर्शन, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

शिमला : किसान संगठनों, श्रमिक संघों, प्रगतिशील संगठनों और अन्य नागरिक समाज समूहों द्वारा समर्थित भारत बंद के आह्वान को हिमाचल में सोमवार को अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली, जिसमें धार्मिक, जाति, क्षेत्रीय और राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार कर बंद के समर्थन में लोग सामने आए.

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पंजाब और हरियाणा में सुबह जनजीवन ठप्प हो गया और प्रदर्शनकारियों ने सड़क और रेल यातायात को रोक दिया गया है. उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से इसी तरह की रिपोर्ट आने के साथ गांव-गांव से प्रदर्शनों और विरोध प्रदर्शनों की खबरें गूंज रही हैं.

किसान संगठनों ने उत्तराखंड के बाजपुर, राजस्थान के झुंझुनू, तमिलनाडु के मदुरै, केरल के तिरुवनंतपुरम, पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी, झारखंड के रांची, बिहार के पूर्णिया और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, तेलंगाना, कर्नाटक और अन्य जगहों से विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें साझा कीं.

बंद ने राष्ट्रीय राजधानी के बाहर किसानों के विरोध के 10 महीने पूरे होने को चिह्नित किया. वे केंद्र सरकार के “अहंकारी और अमानवीय” रवैये से नाराज होकर दिल्ली के द्वार पर डेरा डाले हुए हैं,. हालांकि इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान 600 से अधिक लोग मारे गए हैं.

इन महीनों में “कारपोरेट समर्थक” कृषि कानूनों और श्रम संहिताओं के खिलाफ आंदोलन पंजाब से पड़ोसी हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक फैल गया है, जहां यह राजनीतिक प्रतिष्ठान को हिला देने की धमकी दे रहा है.

बंद को तब आयोजित किया गया है जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका दौरे से वापस आए है. बता दें कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था. उनकी उक्त यात्रा को भारत के कृषक समुदाय के समर्थन में विरोध और प्रदर्शनों द्वारा चिह्नित किया गया है और कथित तौर पर यह केवल सिख या भारतीय संगठन नहीं है जो विरोध कर रहे, अन्य देशों के भी प्रतिभागी इसमें शामिल हैं.

इंकलाबी केंद्र पंजाब के नारायण दत्त ने कहा कि हमें इस बात पर गर्व है कि हमारे आंदोलन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है जैसा कि पिछले कुछ दिनों में अमेरिका में एक बार फिर देखा गया है. सरकार और उसके प्रचारकों द्वारा फैलाया जा रहा झूठ, जिसमें एम्बेडेड मीडिया भी शामिल है, समय-समय पर पूर्ववत होता रहा है, जो बरनाला और पंजाब के आसपास के क्षेत्रों में लोगों को जुटाने में सहायक रहा है.

दत्त ने कहा आंदोलन में घट रहे लोगों के हितों के बारे में जो झूठ फैलाया जा रहा है, उसके विपरीत, यह देखना सभी के लिए है कि उत्साह कई गुना बढ़ गया है. पंजाब और हरियाणा में शायद ही कोई गांव हो जो बंद का समर्थन नहीं कर रहा हो. लोग समझते हैं कि यह एक लंबी लड़ाई है और अतीत की तरह कई मौकों पर अन्याय से लड़ने के लिए तैयार हैं.

सोलन के कुछ स्थानों पर दिखा प्रतीकात्मक भारत बंद

रिपोर्टों के अनुसार पंजाब को राज्य भर में कम से कम 400 स्थानों पर प्रदर्शन और विरोध का गवाह बना है. हिमाचल प्रदेश में, भाजपा से जुड़े लोग भी बंद का समर्थन करने के लिए सामने आए, जो सोलन जैसे कुछ स्थानों पर प्रतीकात्मक था, जहां किसानों की मांगों के समर्थन में बाजार दो घंटे तक बंद रहे.

तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ सोलन के मालरोड पर संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बड़ी रैली का आयोजन किया. रैली में सोलन के 5 किसान संगठनों और कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। विरोध रैली के दौरान भारतीय किसान यूनियन मंडल सोलन के सचिव उमेश शर्मा किसानों की समस्याओं के बारे में अपनी बात रखते हुए.

पंकज वर्मा ने व्यापार मंडल सोलन व्यापारी संगठन द्वारा की गई एक अपील को साझा करते हुए कहा कि हमें यह समझने की जरूरत है कि किसान और व्यापारी एक ही रथ के दो पहिये हैं. व्यापारी किसानों की आय पर निर्भर हैं. अगर किसानों को उनकी उपज से अच्छा रिटर्न मिलता है, तो व्यापारी भी बाजार में खर्च करके समृद्ध होते हैं.

राज्य के अन्य हिस्सों में प्रदर्शनों की खबरें थीं जो पहले से ही फसल के मौसम के चरम पर सेब उत्पादकों के बीच बड़े पैमाने पर अशांति देख रही हैं, जैसा कि द सिटीजन द्वारा रिपोर्ट किया गया है. बागवानों का कहना है कि सार्वजनिक निकायों द्वारा कॉर्पोरेट सब्सिडी का पूरा मॉडल जिसके परिणामस्वरूप उत्पादक का शोषण होता है, हिमाचल प्रदेश में सामने आया है.

पाँवटा साहिब में हुआ शांति पूर्वक प्रदर्शन

पाँवटा साहिब में संयुक्त किसान मोर्चा व भारतीय किसान यूनियन द्वा रा भारत बंद के एलान पर शांति पूर्वक प्रदर्शन किया गया. दुकानदारों द्वारा मिला जुला समर्थन दिया गया. लोक निर्माण विभाग रेस्ट हाउस से गुरू गोविंद सिंह चौक तक एक रैली निकाली गयी. चौक पर कुछ समय के लिए यातायात पूरी तरह बंद किया गया. पुलिस प्रशासन द्वारा निवेदन पर यातायात खोला गया.

शिमला में यातायात हुआ बाधित

हिमाचल प्रदेश किसान सभा और स्युंकट किसान मंच के बैनर तले आंदोलनकारी किसानों द्वारा दिए गए ‘भारत बंद’ का आह्वान हिमाचल प्रदेश में 44 किसान संघों द्वारा किया गया.

माकपा ने भी शहर में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया. किसान सभा सचिव के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी दोपहर 1200 बजे विक्ट्री टनल पर जमा हो गए और एक घंटे के लिए वाहनों की आवाजाही रोक दी.

इस बीच माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी विरोध मार्च निकाला जिससे यातायात बाधित हुआ. कोटखाई में एसकेएम के संयोजक हरीश चौहान और शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया.

शहर में यातायात और यात्रियों की आवाजाही को ठप कर देने से पुलिस अनजान बनी. कार्ट रोड पर आईएसबीटी पार्किंग से विक्ट्री टनल और खलानी से ओल्ड आईएसबीटी तक ट्रैफिक बाइपास रोड से डायवर्ट किया गया.