आदर्श हिमाचल ब्यूरो
मंडी। कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार प्रदान में मंडी जिला ने शानदार मिसाल पेश की है। जिला में मनरेगा योजना में तय लक्ष्यों से अधिक हासिल कर उल्लेखनीय काम किया गया है। खासकर कोरोना के संकट में गरीबों-मजदूरों के लिए मनरेगा योजना बड़ी मददगार रही है।
इस दौरान 1 लाख 16 हजार 254 लोगों को मनरेगा से गांव में ही रोजी-रोटी मिली है। साढ़े 64 करोड़ रुपए खर्च कर 23 लाख मानव कार्य दिवसों का सृजन किया जा चुका है। जिला में मनरेगा में कमा करने वालों में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी रही है।
मनरेगा से घरद्वार पर काम पाकर गदगद लाभार्थी मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर का बार बार आभार जता रहे हैं। ऐसे हजारों लाभार्थियों की तरह ही मंडी सदर की पधियूं पंचायत की पिंकी देवी, लता देवी और अन्य महिलाओं ने कोरोनाकाल में मनरेगा के काम को तरजीह देकर उनकी मदद करने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।
यह भी पढ़ें: हरोली में आयुष्मान योजना के तहत 22 परिवारों को दिए गए आयुष्मान कार्ड
उनका कहना है कि कोरोनाकाल में मनरेगा उनके लिए संकटमोचक बनी है। गांव में काम शुरू होने से आमदनी का साधन बन गया है। खासकर महिलाओं को इससे बड़ी मदद मिली है। चार पैसे कमा कर घर का खर्च चलाने में आसानी हुई है। बता दें ये सभी महिलाएं गांव में सिंचाई कुहल के निर्माण के काम में लगीं हैं।
मनरेगा से पंचवटी और मुख्यमंत्री एक बीघा योजना को भी बल
डीआरडीए मंडी के परियोजना अधिकारी नवीन शर्मा का कहना है कि प्रदेश सरकार की पंचवटी योजना और मुख्यमंत्री एक बीघा योजना को भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से जोड़ा गया है ताकि ग्रामीण आर्थिकी को बल मिल सके। इसके अलावा सरकार की आवास योजनाओं के लाभार्थियों को अपना मकान बनाने के लिए भी मनरेगा में 95 दिन की मजदूरी का प्रावधान है।
बता दें मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने बच्चों से बुजुर्गों तक की जरूरतों का ख्याल रखते हुए प्रदेशवासियों को पंचवटी योजना का उपहार दिया है। इस योजना के तहत प्रदेश में पार्क और बगीचे बनाए जाएंगे, जहां हर उम्र के लोगों के लिए फिटनेस और मनोरंजन से जुड़ी सुविधाएं मुहैया होंगी।
क्या कहते हैं जिलाधीश
जिलाधीश ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर के निर्देशानुसार जिला में मनरेगा कार्यों में तेजी लाई गई है, ताकि ग्रामीण आर्थिकी को बल मिले। विभिन्न विकास कार्यों के जरिए लोगों को उनके घरद्वार पर ही रोजगार के अवसर मुहैया करवाए जा रहे हैं । कोरोनाकाल में भी जिला में मनरेगा में लक्ष्य के मुकाबले 176 फीसदी काम किया गया है।
मंडी में मनरेगा की शानदार मिसाल, आभार जता रहे लाभार्थी ने कहा, संकटमोचक बनी योजना
Ads