आदर्श हिमाचल ब्यूरो
कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के उपनगर शमशी में रामा प्रोफाईलज़ के नाम से महज एक साल पहले शुरू की गई रूफिंग शीट्स यानि छत की चादरें बनाने वाली कंपनी ने कुछ महीनों में ही अपना कारोबार दो करोड़ तक पहुंचा दिया है। शमशी में रहने वाले नवीन ने कभी सोचा नहीं था कि पढ़ाई पूरी करने के बाद इतनी जल्दी उसके जीवन को एक नई दिशा मिल जाएगी।
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नवीन से जब उनकी कामयाबी के बारे में जानने की कोशिश की तो उसनेे कहा कि निजी कारोबार करने का उनका बचपन से सपना था। जरूरत थी तो सही मार्गदर्शन और आर्थिक मदद की। अपने पिता का भरपूर समर्थन और उनके व्यावसायिक अनुभव ने अपने पैरों पर खड़े होने के लिए जिस प्रकार से प्रेरित व प्रोत्साहित कियाए उससे नवीन की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया। अब क्या थाए नवीन कुछ ऐसा काम.धंधा करने की जुगत में लग गया जिससे उसकी एक अलग पहचान हो सके। बहुत से दोस्तों सेए परिजनों से और आस-पास के लोगों से व्यावसायिक परामर्श लेने से कभी गुरेज नहीं किया।
नवीन को मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के बारे में पता चला। उसने उद्योग विभाग की वैबसाईट से योजना के बारे में पूरी जानकारी हासिल की। फिर तो मानों उसे मंजिल तक पहुंचने का रास्ता मिल गया हो। प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने से पहले कौन सा कारोबार आरंभ करना है जहां वह अलग से मुकाम स्थापित कर सकेए इसके लिए नवीन ने बाजार का बारीकी के साथ अध्ययन किया। उसकी सोच सटीक थी और लक्ष्य एकदम स्पष्ट। उसने पाया कि कुल्लू, लाहौल-स्पिति जिलों में रूफिंग शीट्स की मांग बहुत अधिक है और लोग इनकी आपूर्ति मण्डी अथवा चण्डीगढ़ से कर रहे थे। नवीन ने ठान लिया कि उसके लिए यही कारोबार बना है।
नवीन ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करके वित्तीय सहायता के लिए उद्योग विभाग को सौंपने में ज्यादा समय नहीं लगाया। उसने 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की मांग विभाग के समक्ष रखी। विभागीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के स्वरोजगार के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए नवीन के लोन की समूची प्रक्रिया को पूरी करवाने और धनराशि स्वीकृत करने में ज्यादा वक्त नहीं लगाया और नवीन को 50 लाख का लोन स्वीकृत हो गया।
नवीन ने 40 लाख रुपये मशीनरी की खरीद पर खर्च किए और 10 लाख रुपये की राशि को वर्किंग कैपिटल के रूप में इस्तेमाल किया। मशीनें तो स्थापित हो गई लेकिन राॅ मटीरियल को गुजरात से मंगवाने में और मशीनों के संचालन के लिए श्रमिकों की आवश्यकता को पूरा करना आरंभ में थोड़ा कड़वा अनुभव रहा। पहले ही दिन से छत की चादरों का उत्पादन शुरू हो गया। मांग भी पहले ही दिन से थी जिससे मौके पर आमदनी शुरू हो गई।
नवीन का कहना है कि एक्सल शाईन मार्का की चादरों की मांग आज इतनी है जिसे वह कभी पूरा नहीं कर सकते। चार-पांच युवाओं को रोजगार भी दिया है। महज एक साल में कारोबार को दो करोड़ तक पहुंचा दिया है। नवीन का मानना है कि मेहनत और ईमानदारी के साथ कोई भी काम किया जाए तो स
फलता अवश्य मिलती है। वह दूसरे पढ़े-लिखे युवाओं के लिए भी प्रेरणा बने हैं।
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में पढ़े-लिखे युवाओं को स्वरोजगार अपनाने के उद्देश्य के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की शुरूआत की है। यह योजना स्व.रोजगार के क्षेत्र में नयी नौकरियों की संभावनाओं को तलाशेगी। युवाओं को अपना बिजनेस स्थापित करने में योजना से बड़ी मदद मिलेगी। स्वरोजगार स्थापित करने के लिए व्यक्ति जमीन के लिए सरकार की मदद ले सकता है। जमीन खरीदने पर स्टाम्प ड्यूटी 6 प्रतिशत की जगह केवल तीन प्रतिशत ही देनी होगी।
योजना का लाभ लेने के लिए हिमाचल प्रदेश का मूल निवासी जिसकी आयु 18 से 35 साल के बीच होए इस रोजगार योजना में आवेदन कर सकता है। पुरूष निवेशक के लिए बिजनेस शुरू करने के लिए 40 लाख तक के निवेश पर 25 प्रतिशत की सब्सिडी का प्रावधान है जबकि महिला निवेशकों के लिए यह सब्सिडी 30 प्रतिशत है। इन्वेस्टमेन्ट 40 लाख रुपये से कम नहीं होनी चाहिए। इसके अलावाए लोन के ब्याज पर पांच सालों लिए 5 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जाती है।