आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। स्वच्छता के लिए सीवरेज प्रणाली बेहद महत्वपूर्ण है। पेयजल सुविधा को सदैव प्राथमिकता दी जाती है लेकिन विकास में सीवरेज प्रणाली की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। दूषित पानी को पुनः उपयोग में लाने के लिए उसका ठीक से एकत्रण तथा उपचार आवश्यक है। ऐसा न करने की स्थिति में गंभीर जल प्रदूषण की समस्या की संभावना होती है।
जल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है और इसका कुशलता से उपयोग किया जाना चाहिए। वर्तमान राज्य सरकार ने राज्य के पांच कस्बों में पेयजल और स्वच्छता सेवाओं में सुधार करने का निर्णय लिया है, जिनमें मनाली, बिलासपुर, पालमपुर, नाहन और करसोग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हाल ही में उपरोक्त कस्बों में बेहतर सीवरेज सुविधाओं को विकसित करने तथा मनाली और पालमपुर में पेयजल आपूर्ति में सुधार के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा फ्रांसीसी विकास एजेंसी, एजेंसे फ्रैंकेइस डी डेवलपमेंट (एएफडी) के साथ 817.12 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एएफडी द्वारा 612 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे जबकि राज्य सरकार 204.85 करोड़ रुपये प्रदान करेगी। परियोजना के तहत लाभार्थियों को इन पांच कस्बों में सीवरेज के कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को अत्याधुनिक तकनीकों के साथ डिजाइन किया जाएगा, जिससे कृषि और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए अपशिष्ट का पुनः उपयोग किया जा सके। परियोजना का उद्देेश्य जल स्रोतों की पर्यावरणीय स्थिति में सुधार करना, जल जनित रोगों को कम करना, स्थानीय नियमों और अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुसार गुणवत्तापूर्ण स्वच्छता सुविधाओं का प्रबंधन करना और पेयजल व स्वच्छता क्षेत्र में वित्तीय स्थिरता लाना है।