हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद रख रहा परेचू झील की निगरानी

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (HIMCOSTE) के तत्वावधान में राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र (SCCC) 2004 में अपनी स्थापना के बाद से नियमित रूप से तिब्बती हिमालयी क्षेत्र में गठित परेचू झील की निगरानी कर रहा है। पृथक्करण मौसम (ablation season) के दौरान हर साल अप्रैल से अक्टूबर तक उपग्रह डेटा का उपयोग करके परेचू झील की निगरानी की जा रही है।
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उपग्रह डेटा IRS-R2-L4-96-48- B-27 के आधार पर जून 2020 में पारछू के विश्लेषण में निम्नलिखित अवलोकन किए गए हैं: –
• झील के अवसाद (Depression) में संचित जल ऊपर की तरफ कुछ पानी के साथ, परिधीय पक्षों से बहता हुआ प्रतीत होता है।
• मध्य भाग किसी भी संचय से तुलनात्मक रूप से मुक्त है, परन्तु जहां नीचे की तरफ एक छोटा सा हिस्सा है वहां पर कुछ पानी का संचय को देखा जा सकता है।
• प्रवाह (inflow) और बहिर्वाह (outflow) सामान्य देखा गया है।
• दो भूस्खलन नदी के किनारे पर देखे गए हैं, जो कि पारछू नदी के बाएं किनारे पर अवसाद (Depression) के ऊपर की तरफ और दूसरे में पारछू नदी के दाहिने किनारे पर अवसाद (Depression) के बहाव के किनारे पर है।
• नदी के दाहिने किनारे पर नीचे की ओर पानी का मामूली संचय देखा जा सकता है, जिसका कारण भूस्खलन का अतिक्रमण हो सकता है।
• ऊपर की तरफ बायीं ओर भूस्खलन नदी के किनारे का अतिक्रमण करता दिख रहा है,, लेकिन नदी के प्रवाह में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं देखा जा सकता ।
• इस क्षेत्र को अब अच्छी तरह से जुड़ा हुआ माना जा सकता है, क्योंकि क्षेत्र में सड़क नेटवर्क जैसी विकास संबंधी गतिविधियां विकसित हो रही है।
• उपग्रह डेटा की व्याख्या के आधार पर, वर्तमान समय में पारछू झील से किसी भी तरह का खतरा प्रतीत नहीं होता है, लेकिन झील के जमने तक इसकी नियमित निगरानी की आवश्यकता है।

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