पुलिस का मानवीय चेहरा ऐसा भी: आठ वर्ष से लापता हुए मानसिक रूप से अस्वस्थ सन्तोष को मिलवाया अपने परिवार से

बिहार का रहने वाला है युवक ,मुंबई से हुआ था लापता

सिरमौर पुलिस का मानवीय चेहरा आया सामने
सिरमौर पुलिस का मानवीय चेहरा आया सामने
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
सिरमौर/शिमला। पुलिस को यूँ तो बड़े कड़क रूप में जाना जाता है लेकिन पुलिस का मानवीय संवेदनाओं वाला रूप भी देखने को मिलता है। सिरमौर पुलिस ने भी अपना एक ऐसा ही उदाहरण पेश किया है। 2014  में बिहार का रहने वाला युवक संतोष मुंबई से गम हुआ था जोकि मानसिक रूप से अस्वस्थ था। वो घूमते घूमते हिमाचल में पहुंच गया। सिरमौर में उसे घूमते पाया गया तो पुलिस उसे थाना लेकर आयी और पूछताछ से पता लगा की वो बिहार का रहने वाला है। फिर पुलिस उसकी वीडियो बनाकर बिहार पुलिस को भेजा किकोई मिसिंग तो नहीं है। फिर पुलिस के प्रयासों से संतोष का भाई मनोज आज नाहन  पहुंचा।
पुलिस ने पिरु तरह शिनाख्त करनेके बाद 8  सालों  से बिछड़े परिवार को मिला दिया। डी  एस  पी  हेडक्वार्टर मीनाक्षी ने बतायाकि पुलिस लगातार ऐसे लोगो को सर्च करने के लिए प्रयास करती रही है और कई लोगो को पुलिस ने उनके परिवारों से मिलाया है  .आज संतोष को भी उसके भाई से मिलवाया गया है।
 संतोष के भाई मनोज ने बतायाकि उसका भाई 2014  को मुंबई से गम हुआ था और आज 8  वर्षों बाद मिला है। इस खबर से पूरा परिवार अत्यंत प्रसन्न है और पुलिस का आभार जता रहा है।  डी  एस पी  मीनाक्षी ने बतायाकि पुलिस को यह मानसिक रूप से अस्वस्थ युवक मिला था और पूछताछ से पता लगाया गया व् आज बिहार से उसका भाई मनोज आय है। दोनों ने एक दूसरे की   पहचान लिया है और पुलिस की यह मुहीम आगे भी जारी रहेगी।
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