विद्यार्थी के विकास की अपेक्षाओं को मूर्त रूप देगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020-एबीवीपी

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 , इक्कीसवीं सदी के युवाओं के समग्र विकास का व्यवहारिक खाका है । इस शिक्षा नीति में विद्यार्थी के व्यक्तित्व एवं कौशल विकास ए व्यवसायिक चेतना, मानसिक स्वास्थ्य, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, प्राथमिक स्तर पर स्थानीय या मातृभाषा में शिक्षा, संगीत ,कला, खेल , विज्ञान, कॉमर्स आदि विषयों को रुचि अनुसार पढ़ने का अवसर महत्वपूर्ण हैं ।

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आधुनिकता के समन्वय से वैज्ञानिक सोच युक्त ज्ञान आधारित समाज के निर्माण में यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति मूर्त रूप देगी । प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने कहा शिक्षा की क्षेत्र में लैंगिक समानता, स्कॉलरशिप, शोध को दिशा देने निजी शैक्षिक संस्थानो में शुल्क के नियंत्रणीकरण ए निजी एवं सरकारी संस्थानो में समान कोर्स ए मूल्यांकन के नए मानक तय करने आदि बिंदुओं पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विस्तृत कार्ययोजना का समावेश छात्र हित में हैं ।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के माध्यम से भारतीय मूल्यों के अनुरूप शिक्षा में नवाचार ए अनुसंधान, कौशल विकास तथा रोजगारोन्मुखता का समावेश प्रशंसनीय है । राष्ट्रीय साक्षरता तथा सकल नामांकन पाठ्यचर्या में भविष्य की आवश्यकताओं का ध्यान,बजट आवंटन जीडीपी का कुल 6 प्रतिशत रखने ,शोध, रोजगार,व्यवसाय ,विषय विशिष्टता, खेल तथा अन्य पाठ्येतर गतिविधियों को महत्व देने-सार्वजनिक शिक्षा क्षेत्र को मजबूती देने, बहु-विषयक शैक्षिक परिसर आदि बिंदुओं पर स्पष्टता के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 में इनके समावेश द्वारा आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है । शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी शिक्षाविदों ए छात्र समुदाय ए राज्य सरकारें एवं केंद्र सरकार को मिलकर प्रभावी प्रयास करना होगा ।
एबीवीपी एक जिम्मेदार छात्र संगठन के नाते शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में अग्रणी भूमिका निभायेगा । एबीवीपी के प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने कहा कि ए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 द्वारा शिक्षा क्षेत्र में जिस समग्रता तथा विशिष्टता की आवश्यकता थी ए उस ओर राष्ट्र ने कदम बढ़ा दिए हैं । मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय करने की सिफारिश निश्चित ही हमारे ज्ञान आधारित समाज निर्माण के संकल्प को पूर्ण करने की इच्छाशक्ति को दिखाता है । अब शिक्षा क्षेत्र के सभी हितधारकों को सजगता से शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु अपनी भूमिका निर्वहन हेतु तैयार रहना होगा । केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकारों के बेहतर समन्वय से ही देश शिक्षा क्षेत्र के नए लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है ए हम आशा करते हैं कि केंद्र तथा राज्य सरकारें बेहतर समन्वय स्थापित कर भारत के करोड़ों छात्र . छात्राओं के साथ न्याय करेंगी ।