माकपा और किसान सभा ने सड़कों पर भटक रहे बीमार व लाचार पशुओं को जल्द आश्रय देने की उठाई मांग
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
रामपुर बुशहर। पिछले कुछ समय से हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्र में सड़कों पर घूम रहे लावारिस छोड़े गए पशुओं में मुँह खुर की बीमारी तेजी से बढ़ने लगी है। इस बीमारी के कारण कई स्थानों पर इन पशुओं को दर्यद व लाचारी की हालत में देखा जा सकता है। आश्रय ना होने के कारण इन पशुओं का बारिश के इस मौसम में सही इलाज भी नहीं हो पा रहा है।
एक तरफ खुले आसमान के नीचे तड़प रहे इन पशुओं की सुध लेने वाला भी कोई नहीं है। लोगों ने सरकार से मांग की है कि पशुपालन विभाग को सुदृढ़ कर ऐसी बीमारियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए अन्यथा बीमारी सड़कों से गांव की तरफ पहुंच जाएगी और लोगों के दुधारू पशुओं को संक्रमित कर उनके व्यवसाय पर भी तलवार लटक सकती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि निदेशालय स्तर पर टीम का गठन कर इस पर युद्ध स्तर पर काम हो। हालांकि रामपुर आस पास विभाग ने टीमें गठित कर इलाज प्रक्रिया जारी रखी है।
आशु भारती ने बताया कि जिस तरह से आज सड़कों पर भारी संख्या में पशु है। उनमें मुंह खुर व् अन्य बीमारियां लगी है। यह धीरे-धीरे गांव की ओर भी बढ़ सकता है और गांव में लोगों ने जो दुधारू पशु पाले है वह भी संक्रमित हो सकते हैं। इससे दूध उत्पादन में भी संकट पैदा होगा और सरकार इन पशुओं को रखने के लिए व्यवस्था करें।
जिला परिषद सदस्य त्रिलोक बलूनी ने बताया कि मुख खुर की बीमारी सड़कों में लावारिस छोड़े गए पशुओ में तेजी से फ़ैल रही है। इसका सही तरीके से इलाज नहीं हो पा रहा है और आने वाले समय में यह बीमारी गांव तक पहुंचेगी। क्योंकि यह दुग्ध उत्पादन करने वाला इलाका है और इससे लोगों की आर्थिकी पर असर पड़ेगा।
डॉ सुरेश कपूर वेटनेरी पोली क्लिनिक रामपुर बुशहर ने बताया कि नेशनल हाइवे पर पशुओं में मुख खुर की बीमारी फैली थी। उस पर विभाग के प्रयासों से काबू पाने के प्रयास जारी है। अब यह बीमारी गांव पालतू पशुओ तक पहुंच रही है।
लेकिन विभाग की ओर से टीमों का गठन कर प्रयास जारी है।