आदर्श हिमाचल ब्यूरो
मंडी। प्रदेश की कांग्रेस सरकार आपदा प्रभावितों के साथ भेदभाव कर रही है। आपदा प्रभावितों का दर्द असहनीय है लेकिन कांग्रेस सरकार को ये वेदना महसूस नहीं हो रही है। इनके मंत्री और सीपीएस सिर्फ फोटो खिंचवाने तक सीमित हैं। नेता प्रतिपक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को अपने विधानसभा क्षेत्र के तहत रोड और जैंशला पंचायत में भारी बरसात से प्रभावित इलाकों पहुंचकर प्रभावितों के बीच कहा कि सरकार का कोई प्रतिनिधि संजीदा होकर आपका दुखदर्द सुनने तक नहीं पहुंचा है।
आपदा से नुकसान इतना ज्यादा हुआ है कि उसकी भरपाई न राज्य सरकार कर पाएगी न केंद्र। लोगों की हजारों एकड़ कृषि और बागवानी भूमि भूस्खलन के कारण जगह-जगह बह गई है। जिसे मूल रूप में लौटाना असंभव है। लोगों को अब रोजी रोटी की चिंता सता रही है। ऐसे में प्रभावित लोग भी मानते हैं कि इतनी भरपाई संभव नहीं है लेकिन सरकार का एक दायित्व तो बनता है कि लोगों के दुःखदर्द में शामिल होकर हौंसला तो बंधाती। सड़कें दो माह से बंद पड़ी हैं लेकिन उनको खुलवाने तक की जहमत कई दिनों तक नहीं उठाई। हम जहां भी जा रहे हैं लोग यही कह रहे हैं सरकार का कोई प्रतिनिधि मिलने नहीं आया। कहीं मामूली नुकसान पर भी एक लाख रुपए की राशि बांटी गई तो कहीं पूरे घर तबाह होने के बाबजूद जायजा लेने के लिए पटवारी तक नहीं पहुंचा। घर बार तो नष्ट हो ही गए हमारी रोजी रोटी का एकमात्र जरिया कृषि और बागवानी योग्य भूमि का नामोनिशान तक मिट गया है।
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ऐसे में लोगों की ये पीड़ा वाजिब है कि आने वाले सालों में वे कैसे अपना गुजर बसर कर पाएंगे। सरकार को ऐसे लोगों की मदद कैसे हो सकती है उस पर विचार करना चाहिए। जहां मनरेगा के तहत ऑफलाइन काम हो सकते हैं उससे भूमि सुधार, डंगे लगाने का काम, ग्रामीण सड़कों को बहाल करने के काम, रास्तों को फिर से बनाने के काम किए जा सकते हैं। सर्दियां आने वाली है लेकिन सराज में कई गांवों के रास्ते तक नहीं बन पाए हैं। ऐसे में लोगों का जीवन संकट में पड़ जाएगा। ये हालात सामान्य नहीं हैं। मैंने उपायुक्त मंडी को फोन करके तुरंत मनरेगा के काम प्रभावित इलाकों में शुरू करने को कहा है। साथ ही ग्रामीण सड़कों पर बस सेवाएं बहाल करने के निर्देश परिवहन निगम अधिकारियों को दिए हैं।
सिर्फ दोषारोपण करने से आपदा पीड़ितों की मदद नहीं होगी। जो काम समय रहते हो सकते हैं वो तत्काल होने चाहिए। दुर्भाग्य से सरकार ऐसा नहीं कर पाई। केंद्र से लगातार मदद मिल रही है और आगे भी मिलती रहेगी। केंद्र मदद नहीं कर रहा ऐसा बोलकर मुख्यमंत्री सिर्फ राजनीतिक मंशा से आगे बढ़ रहे हैं जबकि उन्हें भी मालूम है कि केंद्र किन मानकों को ध्यान में रखते हुए आपदा में मदद करता है। अरबों रुपए की राशि राहत कोष में जमा हो चुकी है फिर क्यों ये राशि खर्च नहीं की जा रही है। आपदा में प्रभावितों के साथ ये भेदभाव क्यों किया जा रहा है कि कहीं पांच-पांच हज़ार तो कहीं 1- 1 लाख रुपए की राशि नगदी के रूप में दी जा रही है।
जैंशला, रोड और घुमराला में प्रभावितों की समस्याएं सुनीं……
शुक्रवार को सराज विधानसभा क्षेत्र की रोड पंचायत, घुमराला और जैंशला में बरसात से प्रभावित गांव पहुंचकर नेता प्रतिपक्ष ने प्रभावितों की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को जल्द समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने जैंशला में भूस्खलन की चपेट में प्राण गंवाने वाले दो लोगों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और 25-25 हज़ार रुपए की राशि उन्हें वितरित की। उन्होंने कहा कि बस सुविधा प्रभावित होने से स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। अधिकारियों को पंडोह से कल्हनी, जनजेहली से छतरी आदि रूटों पर बसें शुरू करने को कहा है। उन्होंने इस मौके प्रभावित परिवारों को राहत किटें भी वितरित की।