हिमाचल में HPSEBL के 33 KV सब-स्टेशनों की आउटसोर्सिंग का मामला गरमाया

शिमला : हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) के 33 केवी सबस्टेशनों के संचालन और रखरखाव को आउटसोर्स करने का निर्णय बोर्ड कर्मचारी संघ के लिए अच्छा साबित नहीं हो रहा है. एचपीएसईबीएल प्रबंधन का कड़ा विरोध करते हुए, कर्मचारी संघ ने इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहा है और निर्णय वापस नहीं लेने पर आंदोलन की करने को भी कहा है.

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यूनियन का कहना है कि बोर्ड ने पहले भी इन सबस्टेशनों को आउटसोर्स किया था, लेकिन उन्हें उस दौरान परिणाम कुछ अच्छे नहीं मिले थे. एचपीएसईबीएल कर्मचारी संघ सचिव एचएल वर्मा ने बताया कि यह इस बार भी बोर्ड के हित में नहीं होगा. निजी ठेकेदारों द्वारा मशीनरी के खराब रखरखाव के कारण बोर्ड को इन सबस्टेशनों को जीर्ण-शीर्ण स्थिति में फिर वापस लेना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि ठेकेदार अकुशल श्रमिकों को नियुक्त करते है, जो इन सबस्टेशनों को लंबे समय तक बनाए रखने में सक्षम नहीं होते हैं. यह बोर्ड के लिए हानिकारक है.

वर्मा ने कहा कि आउटसोर्स के आधार पर संचालित और अनुरक्षित सबस्टेशनों पर दुर्घटनाओं की दर भी अधिक होती है. साथ ही बोर्ड के तकनीकी कर्मचारी संघ ने भी इस फैसले का विरोध किया है. यूनियन ने बोर्ड के एमडी से इसे वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा है साथ ही यूनियन ने मांग की है कि तकनीकी कर्मचारियों की संख्या में भी वृद्धि की जानी चाहिए क्योंकि इन सबस्टेशनों पर मौजूदा कर्मचारी अतिरिक्त काम कर रहे हैं, साथ ही वर्मा ने कहा है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह आंदोलन करेंगे.