आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। इस नाग पंचमी पर बन रहे हैं तीन शुभ संयोग। इस बार कैसे मनाएं नाग पंचमी? किस दिन रखें व्रत और कैसे करें पूजा अर्चना बता रहे हैं प्रख्यात अंक ज्यातिषी एवं वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा। उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म में नाग पंचमी पर्व का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नाग देवता को जल चढ़ाकर पूजा-पाठ करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन नाग पंचमी पर्व मनाया जाता है। इस दिन कई लोग उपवास भी रखते हैं। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन उपवास और व्रत कथा का पाठ करने से व्यक्ति को कई प्रकार के समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
पंडित डोगरा कहते हैं कि वैदिक पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 20 अगस्त मध्य रात्रि 12: 23 बजे से शुरू होगी और 21 अगस्त रात्रि 2 बजे समाप्त हो जाएगी। ऐसे में नाग पंचमी व्रत (21 अगस्त) सोमवार के दिन रखा जाएगा। पंचांग में बताया गया है कि नाग पंचमी पर्व के दिन पूजा मुहूर्त सुबह 05:53 बजे से सुबह 08: 30 बजे तक रहेगा।
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नाग पंचमी 2023 शुभ संयोग…..
वैदिक पंचांग के अनुसार, नाग पंचमी पर श्रावण सोमवार व्रत के दिन रखा जाएगा। ऐसे में भक्तों को इस दिन भगवान शिव की उपासना का भी सौभाग्य प्राप्त होगा। बता दें कि नाग पंचमी के दिन चित्रा नक्षत्र, शुभ और शुक्ल युग का निर्माण हो रहा है। जिन्हें पूजा-पाठ के लिए अत्यंत फलदाई माना जाता है। चित्रा नक्षत्र पूर्ण रात्रि तक रहेगी, शुभ योग रात्रि 10:21 तक रहेगा और उसके बाद शुक्ल योग प्रारंभ हो जाएगा।
नाग पंचमी पूजा विधि….
पंडित डोगरा ने बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। पूजा काल में एक साफ चौकी पर नाग देवता का चित्र या मिट्टी से बने हुए सर्प की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद नाग देवता को हल्दी, रोली, चावल, फूल इत्यादि अर्पित करें और दूध घी व चीनी मिलाकर चढ़ाएं। इसके बाद पूजा के अंत में नाग पंचमी व्रत कथा का श्रवण करें और आरती के साथ पूजा संपन्न करें।
नाग पंचमी पर्व का महत्व….
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी पर्व के दिन नाग देवता की पूजा करने से और सांपों को दूध पिलाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। नाग देवता भगवान शिव के प्रिय गणों में से एक हैं। ऐसे में इस दिन भगवान शिव और नाग देवता की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। जिन लोगों की कुंडली में अगर कालसर्प दोष होता है तो उन्हें नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा करें और शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करें। नाग पंचमी के दिन चांदी से बने नाग-नागिन की पूजा करे और इसके बाद इसे बहते हुए जल में अर्पित कर दें।