नई दिल्ली: वर्तमान राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है और चुनाव प्रक्रिया की घोषणा भी हो चुकी है इसी के बीच एनडीए और संयुक्त विपक्ष की ओर से भी अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है।
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए ने एक बार फिर सभी को चौंकाते हुए अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम की घोषणा की। भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू को अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर घोषित किया है और अगर मतों के आंकड़े देखें तो द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना भी तय है।
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला और आदिवासी राज्यपाल थीं। यहां से सेवानिवृति के बाद वे अपने गृह राज्य ओड़िशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर में रहती हैं। यह उनके पैतृक गांव बैदापोसी का प्रखंड मुख्यालय है। वे झारखंड में सबसे लंबे वक़्त लगभग छह साल से कुछ अधिक वक़्त तक राज्यपाल रहीं है। चुनाव जीतने के बाद द्रौपदी मुर्मू देश की पहली राष्ट्रपति होंगी जो आदिवासी समाज से आती हैं साथ ही भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति।
तो वहीं विपक्ष में भाजपा को कभी अपने परिवार का हिस्सा रहे नेता से चुनौती मिलने वाली है। विपक्षी पार्टियों ने संयुक्त रुप से यशवंत सिन्हा को इस पद के लिए चुनाव मैदान में उतारा है. भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के पूर्व अधिकारी यशवंत सिन्हा झारखंड की हजारीबाग सीट से बीजेपी के लोकसभा सांसद रह चुके हैं और अटल बिहारी की सरकार के मंत्री भी रह चुके हैं। वे लंबे वक्त तक बीजेपी के ही नेता रहे, लेकिन हाल के वर्षो में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ लगातार मुखर होते चले गए और अंततः बीजेपी से अलग होना पड़ा।
चुनावी समीकरण देखें तो भाजपा का पलड़ा भारी नजर आ रहा है और एनडीए के उम्मीदवार का जीतना लगभग तय। लेकिन इससे इतर द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना सबसे दिलचस्प है। जहां भाजपा ने एक बार फिर किसी ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार तय किया है जो हालिया दिनों में राजनीति में चर्चित नहीं है।