छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री हिमाचल अंतिम संस्कार में पंहुची कई गणमान्य हस्तियां
विशेषर नेगी
रामपुर बुशहर। पूर्व मुख्य मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह का पार्थिव शरीर उन के निवास पदम् पैलेस से करीब डेड बजे आंगन में निकाला गया। उस के बाद पारम्परिक रस्म के साथ करीब तीन बजे शव यात्रा और रामपुर में सतलुज किनारे राजपरिवार श्मशान घाट तीन बजे अर्थी पहुंची। इस दौरान हिमाचल के मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर समेत मंत्री और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी श्मशानघाट पहुंचे। पहले राजदरबार में सुबह से ही दर्शन के लिए हजारो की संख्या में भीड़ जुटी थी। राजनैतिक बंदिशों को तोड़ सभी दलों के कई नेताओ ने वीरभद्रसिंह को श्रदांजलि दी। इससे पूर्व सुबह आज पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह का परंपरागत तरीके से राजतिलक हुआ । इसे पूर्ण रूप से गोपनीय रखा गया। दौरान हजारों की संख्या में वीरभद्र सिंह के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हजूम उमड़ा।
श्रदांजलि देने आने वालों में मेबर आफ पार्लीमेंट प्रनीत कौर, पंजाब के शिक्षा मंत्री विजेन्द्र सिंह, छतीसगड़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पवन कुमार बंसल, राजीव शुक्ला, आनंदशर्मा, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, कुलदीप राठौर समेत कई विधायक व नेता वीरभद्र सिंह को श्रदांजलि देने उन
के निवास पदम पैलेस पंहुचे। मुख्य मंत्री जयराम ठाकुर, वन मंत्री राकेश पठानिया, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, कांग्रेस के
सुधीर शर्मा, कौल सिंह ठाकुर, मोहन लाल ब्रागटा, राजेन्द्र राणा, मुकेश अग्नि होत्री, रोहीत ठाकुर, किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी
रामपुर के विधायक नन्द लाल मौजूद थे।
वीरभद्र सिंह के विधायक पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने कहा वीरभद्र सिंह ने हिमाचल को एक सूत्र बांधा है। ऊपर नीचे के भेद को तोड़ा।
उन्होंने कहा वे आजीवन उन के दिखाए रास्ते पर चलेंगे। उन का देवताओ और देव समाज के प्रति भी वीरभद्र सिंह का अटूट विशवास था। हिमाचल को आगे ले जाने के लिए हम सब को उन के दिखाए मार्ग पर चलना होगा।
वहीं हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने कहा कि वीरभद्र सिंह के चले जाने से कांग्रेस को बड़ी क्षति हुई है। खाची ने
वीरभद्र सिंह के साथ चालीस वर्षो तक काम किया है। कहा कि, उन्होंने वीरभद्र सिंह से राजनीति में बहुत कुछ सीखा।