भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा की जब तक देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई थे तब तक देश ने प्रबल रूप से तरक्की की भारत का लौ पूरी दुनिया ने माना। पर 2004 से 2014 तक का कांग्रेस का शासन दुनिया को याद है देश उस समय काफी पीछे की ओर गया। मनमोहन सिंह के रूप में देश को एक न बोलने वाला प्रधानमंत्री मिला।
यह भी पढ़े:-मुख्यमंत्री ने किया शिमला विंटर कार्निवल का शुभारंभ
उन्होंने कहा की कांग्रेस और भाजपा में फर्क साफ है , सकल घरेलू उत्पाद की दृष्टि से 2014 में भारत की जीडीपी 98 लाख करोड़ थी और अब 2023 में 159.7 लाख करोड़ रही। भारत का पूंजीगत व्यय 2014 में 3.92 लाख करोड़ था और 2023 में यह 10.9 लाख करोड़ पहुंच गया है। देश का कृषि बजट 2014 में 21900 करोड़ से बढ़ कर, 2023 में 1.25 लाख करोड़ हो गया है।भारत की विदेशी मुद्रा आरक्षित, फॉरेक्स रिजर्व मई 2014 में 313 अरब डॉलर थी जो की जून 2023 में 600 अरब डॉलर पहुंच गई है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जो की 2014 में 45 अरब डॉलर था अब 2022 तक 84.8 अरब डॉलर पहुंच गया है। भारत की प्रति व्यक्ति आय 2014 में 86454 रू थी और 2022 में 1.50 लाख पहुंच गई। 2014 और 2023 की तुलना में देश की गरीबी दर 22% से कम हो कर 10% तक आ गई। भारतीय अर्थव्यवस्था की दुनिया में रैंक: भारत की अर्थव्यवस्था 2014 में 10वे नंबर पर थी और 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था तेजी के साथ बढ़ते हुए 5वें स्थान पर पहुंच गई है। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल ने कहा की 2002 में अटल जी ने डेयरी सेक्टर को पूरी तरह से डी-लाइसेंस कर दिया। इसके बाद, निजी क्षेत्र ने बाद के वर्षों में अपनी प्रसंस्करण क्षमता को सहकारी समितियों की तुलना में दोगुनी तेजी से बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप दूध उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई, जिसके कारण मोदी सरकार के नेतृत्व में 2018 तक भारत दुनिया का शीर्ष दूध उत्पादक बन गया।
प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता जो 2014 में 303 ग्राम थी, 2022-2023 में बढ़कर 459 ग्राम हो गई। 2003 के मॉडल एक्ट के माध्यम से कृषि-मार्केटिंग में अटल जी द्वारा शुरू किए गए सुशासन सुधारों को मोदी सरकार ने तेजी से बढ़ाया। आज भारत की खाद्य प्रसंस्करण क्षमता 200 मीट्रिक टन है, जो 2014 में सिर्फ 12 मीट्रिक टन थी। अटल जी के सर्व शिक्षा अभियान से प्रेरणा लेते हुए ‘भारत में दस लाख बच्चों को नियोटेरिक इनोवेटर्स के रूप में तैयार करने’ के दृष्टिकोण के साथ, हमारे देश भर के स्कूलों में कुल 10,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं, जो जिज्ञासा, रचनात्मकता और कौशल को बढ़ावा देती हैं।