शिमला। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर आज राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कोरोना महामारी के समय में अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों की जान बचाने को किए गए अमूल्य योगदान के लिए चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया। राजभवन में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर डाॅक्टरों को सम्मानित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह एक महान व्यवसाय है तथा वह उनके साहस की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस हमारे जीवन में चिकित्सकों की महत्ता तथा उनके द्वारा मानवता के कल्याण के लिए किए गए कार्यों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। यह भी पढ़ेंः- डॉक्टर्ज डे पर हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में दंत प्रत्यारोपण सुविधा प्रारम्भ – डॉ. अनिल चौहान उन्होंने कहा कि इस दिवस की महत्ता और भी बढ़ गई है, क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान प्रत्येक चिकित्सक अपनी शत-प्रतिशत सेवाएं दे रहा है तथा लोगों को इस भयावह संक्रमण से उभारने में अपना अमूल्य योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह दिन उन सभी चिकित्सीय और स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहें पेशेवरों को समर्पित है, जो अपनी तमाम मुश्किलों के बाद भी मरीजों को देख रहें हैं तथा समाज के लिए अपना योगदान दे रहें हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों का परिश्रम और समर्पण इस महामारी के शुरुआती दौर से ही प्रशंसनीय है।
दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्र चिकित्सक दिवस महान चिकित्सक तथा पश्चिम बंगाल के द्वितीय मुख्यमंत्री डाॅ. बिधान चंद्र राॅय के सम्मान में आयोजित किया जाता है। डाॅ. राॅय को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से 4 फरवरी, 1961 को सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा कि वर्ष 1991 से भारत में महान चिकित्सक डाॅ. राॅय के सम्मान में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जा रहा है तथा मैं इस दिवस पर डाॅ. राॅय को अपना सम्मान प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना महामारी के दौरान सरकारी अस्पतालों, प्रयोगशालाओं आदि में अग्रिम पंक्ति में खड़े योद्धाओं के लिए 50 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान कर रही है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने इन्दिरा गांधी मेडिकल काॅलेज और अस्पताल शिमला के प्रधानाचार्य डाॅ. रजनीश पठानिया, हिमाचल प्रदेश राजकीय दंत महाविद्यालय और अस्पताल शिमला के प्रधानाचार्य डाॅ. आशु कुमार गुप्ता, आई.जी.एम.सी. के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. जनक राज, कमला नेहरू अस्पताल शिमला की चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. अम्बिका चैहान, स्त्री रोग विभाग के प्रोफेसर डाॅ. कुशिया पठानिया, दीन दयाल उपाध्याय अंचल अस्पताल शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. लोकेंद्र शर्मा, जिला शिमला की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुरेखा चोपड़ा, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अस्पताल छोटा शिमला की चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. अमिता धीमान, होम्योपैथिक औषधालय एवं शोध केंद्र न्यू शिमला के डाॅ. सुनील रमटैक, आई.जी.एम.सी के मेडिसिन विभाग के प्रमुख और प्रोफेसर डाॅ. दलीप गुप्ता, ह्नदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डाॅ. पी.सी नेगी, रेडीयोलाॅजी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. संजीव शर्मा, माईक्रोलाॅजी विभाग की विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डाॅ. सांत्वना वर्मा, न्यूरोलाॅजी विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डाॅ. सुधीर शर्मा तथा कोविड-19 मेडिसिन और नोडल अधिकारी डाॅ. बलबीर वर्मा को सम्मानित किया।
हमीरपुर। डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर में दंत प्रत्यारोपण (डेंटल इम्प्लांट) सुविधा प्रारम्भ हो गई है। यह जानकारी कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. अनिल चौहान ने दी। उन्होंने कहा कि दंत चिकित्सा में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनुप्रिया शर्मा के निर्देशन में प्रारम्भ की गई यह प्रदेश के सरकारी संस्थानों में अपनी तरह की पहली सुविधा है। विभाग को अत्याधुनिक मशीनरी से सुसज्जित किया गया है और दंत प्रत्यारोपण के लिए विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। यह सुविधा रोगियों को बहुत ही सस्ती व सुलभ दरों पर उपलब्ध होगी और इसमें मानक जीवाणु-नाशन (स्टरलाईजेशन) एवं संक्रमण (इन्फेक्शन) नियंत्रण प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दंत प्रत्यारोपण में एक टाइटेनियम स्क्रू को जबड़े में एक कृत्रिम दांत की जड़ के रूप में प्रतिस्थापित किया जाता है। इसे आगामी तीन माह तक जबड़ों में छोड़ दिया जाता है ताकि यह जबड़ों की हड्डी के साथ एकीकृत हो सके। इसके उपरांत तीन से छह माह में इसके ऊपर क्राऊन को जोड़ा जाता है। यह खोए हुए/टूटे हुए दांतों को बदलने की आधुनिक सर्जिकल तकनीक है।
उन्होंने “डॉक्टर्ज डे” के अवसर पर मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा प्रारम्भ करने के लिए दंच चिकित्सा विभाग की पूरी टीम को बधाई दी और इस दिशा में किए गए उनके निरंतर प्रयासों की सराहना भी की।
शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज देश के उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को उनके 71वें जन्मदिन पर बधाई दी। उप-राष्ट्रपति को बधाई संदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने उनके स्वस्थ और लंबे जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि एम. वेंकैया नायडू एक प्रख्यात व्यक्तित्त्व हैं, जो हमेशा किसानों के कल्याण तथा ग्रामीण लोगों के विकास के लिए तत्पर रहते हैं।
शिमला। मुख्य सचिव अनिल खाची ने आज यहां जल शक्ति, वन एवं उद्योग विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सौरव वन विहार, पालमपुर को लेकर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। जल शक्ति विभाग ने सौरव वन विहार नेचर पार्क में बाढ़ संरक्षण के कार्य और इसकी कार्य योजना के बारे में प्रस्तुति दी। वन विभाग ने इस पार्क के सौन्दर्यीकरण के सन्दर्भ में लिए गए निर्णयों के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि सौरव वन विहार में बाढ़ संरक्षण का कार्य पहली सितम्बर, 2020 से आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए कि इस कार्य को आरम्भ करने से पूर्व निविदाओं और परियोजना की रूपरेखा का कार्य पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि वन विभाग लैंड स्कैपिंग वास्तुकार का चयन करेगा, जिसे सौरव वन विहार के समूचे क्षेत्र की लैंड स्कैपिंग का कार्य सौंपा जाएगा।
अनिल खाची ने कहा कि लैंड स्कैपिंग का कार्य पूरा होने के उपरान्त वन विभाग अगस्त माह में झील और एक्वाकल्चर विकास का कार्य आरम्भ करेगा।
उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग 8.50 करोड़ रुपये की इस परियोजना पर पहली सितम्बर से कार्य आरम्भ करेंगे। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
सुजानपुर। जिला कांग्रेस पंचायती राज अध्यक्ष लेखराज ने कहा है कि जिनकी घर-गांव में कोई पूछ पहचान तक नहीं है, वह भी अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में अंटशंट बयानबाजी करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि मतों व जन विश्वास के मामले में चंद मतों पर सिमटी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के स्वयं-भू नेता ने सुजानपुर के ऊहल पीएचसी में डेंटल एकयूपमेंट पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि उन उपकरणों को सरकार से स्थापित व स्वीकृत करने में कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा की कोई भूमिका नहीं है। यह भी पढ़ेंः- कोरोना अपडेट: शिमला में तमिलनाडु से आया युवक निकला संक्रमित, चार जिलों से पांच नए मामले, 960 हुई कुल सक्रमितों की संख्या लेखराज ने कहा कि यह नेता अपने ज्ञान को दुरुस्त करे और राजेंद्र राणा के मुख्यमंत्री को भेजे गए उस डीओ लेटर व डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ के सर्विसज के ऑफिस आर्डर नंबर 276-78 जो 9-6-2020 को निदेशालय से जारी हुआ है, उसको पढ़ लें और यह बताएं कि अब माफी मांगने की किसकी बारी है। लेखराज ने कहा है कि विधायक की अपनी कुछ शक्तियां होती हैं जिनके तहत वह जनहित के कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि विधायक राजेंद्र राणा ने अपने प्रयासों से सुजानपुर की तकदीर और तस्वीर बदली है जिसकी क्षेत्र की जनता गवाह है। लेखराज ने कहा कि हाथ कंगन को आरसी क्या और पढ़े लिखे को फारसी क्या, यह दस्तावेज स्वयं बता देंगे। उन्होंने कहा कि जो अपने घर को सही से नहीं संभाल पा रहे हैं वह लोग किस मुंह से जनसेवा की बात कर रहे हैं। विकास बयानों से नहीं जनता का विश्वास जीत कर लोकतंत्र में चुनाव जीतकर विकास होता है। घर में बैठ कर नेताओं वाले कपड़े पहनकर विकास नहीं होता है। लेखराज ने कहा कि एनसीपी के नेता किसकी बोली और भाषा बोल रहे हैं यह जनता जानती है। कोई भी टिप्पणी करने से पहले यह नेता अपने गिरेबां में झांक कर देखे और जनता को बताए कि सिवा बयानों के अभी तक उन्होंने किया क्या है?
आदर्श हिमाचल ब्यूरो शिमला/कांगड़ा/हमीरपुर/सिरमौर। प्रदेश में आज चार जिलों से पांच नए मामले सामने आए हैं। इनमें हमीरपुर से दो और शिमला, सिरमौर और कांगड़ा से एक-एक नया मामला शामिल है। जबकि आज राहत की बात यह है कि चार जिलों से कुल 27 मरीज ठीक भी हुए हैं। इनमें सर्वाधिक 22 मरीज हमीरपुर जिले से हैं जबकि कांग़ड़ा से चार और मंडी व शिमला से एक –एक मरीज शामिल है।
जिला शिमला में तमिलनाडु से लौटा 24 साल का छात्र कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। युवक को कोविड केयर सेंटर मशोबरा शिफ्ट किया है। जिला निगरानी ऑफिसर डॉ. राकेश भारद्वाज ने यह जानकारी दी। बताया जा रहा है कि यह युवक शिमला में पढ़ाई करता है और 23 जून को शिमला लौटा था।
स्वास्थ्य विभाग ने इसे संस्थागत क्वारंटीन किया था। अब टेस्ट किया गया तो यह पॉजिटिव निकला। वहीं दूसरी तरफ बुधवार को एक ओर मरीज ठीक हो गया है। जिले में पॉजिटिव केसों की कुल संख्या 41 और एक्टिव केस 16 रह गए हैं। 22 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। यह भी पढ़ें: हादसा: जोत-चंबा मार्ग पर हुए गाड़ी के ब्रेक फेल, महिला की मौत, दो घायल
पांवटा साहिब में 38 वर्षीय व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। उक्त संक्रमित16 जून को दिल्ली से पांवटा अपनी पत्नी व बच्चों को लेकर ससुराल आया था। पांवटा पहुंचने पर संस्थागत क्वारंटीन में रखा गया था। दो बार रिपोर्ट निगेटिव आई जिसके बाद 29 जून को फिर से रिपोर्ट भेजी गई। बुधवार को लैब से रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर संक्रमित व्यक्ति को कोविड-19 केयर सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया है। बीएमओ राजपुर डॉ अजय देओल ने पुष्टि की है। जिला में अब कुल मामले 39 हो गए हैं जबकि 23 मरीजों के ठीक होने के बाज यहां नौ मामले एक्टिव रह गए हैं।
इसी के साथ कांग़डा से एक और हमीरपुर जिले सए दो नए मामले सामने आए हैं। शाम पांच तक के बुलेटिन में सामने आए इन मामलों के बाद प्रदेश में अब कुल संक्रमित मामलों की संख्या 960 पर पंहुच गई है जबकि 603 लोगों के ठीक होने के बाद अब प्रदेश में 336 मामले एक्टिव रह गए हैं।
आज प्रदेश की सात कोविड-19 लैब्स में सर्वाधिक 2038 सैंपल जांच के लिए लगाए हैं। अभी 1529 सैंप्लस का रिजल्ट आना है। इनमें 26 सैंपल्स पिछले कल के हैं। आज आए पाजिटिव पांच मामलों में शिमला को छोड़कर बाकी जिलों के मामले पिछले कल के सैपंल्स से पाजिटिव पाए गए हैं।
आदर्श हिमाचल ब्यूरो चंबा। जोत-चंबा मार्ग पर गाड़ी के ब्रेक फेल होने से महिला की मौत हो गई जबकि इस हादसे में दो लोग घायल हो गए। घायलों को एंबुुलेंस के जरिए मेडिकल कॉलेज चंबा पहुंचाया गया जहां उनका उपचार चल रहा है। दोनों घायलों की हालत खतरे से बाहर है। यह भी पढ़ें: एनआईटी हमीरपुर बनने लगा है भ्रष्टाचार का अड्डा-राणा
बताया जा रहा है कि जोत से चंबा की तरफ तीन लोग आ रहे थे। भनेरा के पास गाड़ी ब्रेक फेल होने से पहाड़ी से टकरा गई। सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस टीम पहुंची। एसपी चंबा डॉ मोनिका ने बताया कि पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
छात्रों और नागरिकों के हितों से खिलवाड़ की नहीं दी जा सकती है इजाजत
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
हमीरपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कहा है कि सत्ता में आने से पहले बात-बात पर भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने वाली बीजेपी एनआईटी हमीरपुर के कथित भ्रष्टाचार पर आंखें क्यों मूंदे हुए है। राणा ने कहा है कि हैरानी यह है कि एनआईटी डायरेक्टर जो अपनी मनमानियों के लिए निरंतर चर्चा में रहते हुए खुद को सिस्टम से बड़ा मानने लगे हैं। उनके इस बेखौफ व बेलगाम व्यवहार का सबब क्या है। यह छात्र भी जानना चाहते हैं और जनता भी जानना चाहती है। यह भी पढ़ेंः- एपीजी विश्वविद्यालय को मिला मानव संसाधन मंत्रालय का “स्वयंप्रभा”- एनपीटीईएल ऑनलाइन पढाई करवाने का प्रोजेक्ट
उन्होंने कहा कि कहीं यह मामला सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार को तो नहीं है? जिसमें ऊपर से नीचे तक सब मिले हुए हैं। राणा ने कहा कि एनआईटी हमीरपुर में मामला कथित भर्ती घोटाले का हो, या हिमाचली नागरिकों के हितों से खिलवाड़ का हो, या कथित तौर पर अपनी भर्ती की गई जमात के कक्षों को करोड़ों के खर्च से सजाने की बात हो। एनआईटी हमीरपुर के डायरेक्टर की बेखौफ कारगुजारी लगातार चर्चा शक और संदेह के घेरे में आती जा रही है। एक ही समुदाय के कई लोगों की भर्तियां व हिमाचली लोगों के लिए अलग कायदे-कानून एनआईटी के डायरेक्टर की कारगुजारी को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। जिनके अधीन नए भर्ती लोगों का वाइवा हुआ है, उन्हीं को भर्ती कमेटी का एक्सपर्ट बनाया गया है। यह ऐसे सवाल हैं जिनकी जांच अब सीबीआई से होनी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में कथित भ्रष्टाचार के शक और भी पुख्ता हो जाते हैं जब एनआईटी हमीरपुर के सर्वोच्च पद पर बैठे बीओजी के चेयरमैन भी संस्थान की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं। राणा ने कहा कि कोई भी संस्था देश के कानून से बड़ी नहीं हो सकती है, लेकिन एनआईटी हमीरपुर में तो हर नियम ही ताक पर रखा गया है। जिसकी सूचनाएं लगातार छात्रों, पूर्व छात्रों व पूर्व प्रोफेसरों द्वारा एमएचआरडी मंत्रालय को भेजी जा रही हैं। एनआईटी की रैंकिंग के दिनोंदिन गिरते स्तर के कारण करोड़ों रुपए सालाना के खर्च से चलने वाला यह राष्ट्र स्तरीय संस्थान कथित भ्रष्टाचार के अड्डे के तौर पर चर्चित हो रहा है, लेकिन सरकार की नींद नहीं टूट रही है।
राणा ने कहा कि उन्हें एनआईटी के ही कुछ वरिष्ठ लोगों ने बताया कि इस बेखौफ चले कथित भ्रष्टाचार की सूचनाएं सांसद अनुराग ठाकुर को भी भेजी गई हैं, लेकिन लगता है कि अनुराग ठाकुर इस मामले पर छात्रों व हिमाचली हितों की आवाज उठाना ही नहीं चाहते हैं। जिसको लेकर भ्रष्टाचार के इस कथित अड्डे की बेलगामी निरंतर बढ़ती जा रही है। अन्यथा अपने ही गृह जिले व अपने ही गांव के पड़ोस में स्थित एनआईटी हमीरपुर के कथित भ्रष्टाचार पर सब कुछ जानते-बूझते हुए सांसद अनुराग ठाकुर इन कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर रहस्यमयी चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। राणा ने कहा कि यह देश के नौजवानों के भविष्य का सवाल है और देश के भविष्य से खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती है। इस पर सरकार और सांसद को जवाब देना ही होगा।
सरकार की शिवा परियोजना बन रही किसानों के लिए वरदान
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
पालमपुर। हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास, उद्यान तथा जल शक्ति विभागों ने राज्य के लोगों को स्वाबलंबी बनाने की दिशा में शिवा परियोजना के माध्यम से अनोखी पहल की है। हिमाचल प्रदेश उप-उष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई और मूल्य संवर्धन परियोजना (शिवा) एशियन विकास बैंक के सौजन्य से प्रदेश के चार ज़िलों बिलासपुर, हमीरपुर, मण्डी और कांगड़ा के 17 क्लस्टरों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आरंभ की गई है। इन क्षेत्रों में फलों के लिए जलवायु की अनुकूलता, किसानों की मांग के अनुसार लाभदायिक फलों के बगीचे विकसित किये जा रहे हैं। इन चार ज़िलों के 170 हैक्टेयर क्षेत्र में जुलाई और अगस्त माह में अमरूद, लीची, अनार और सिट्रस के हज़ारों बेहतर किस्म के पौधे रोपित किये जायेंगे।
पालमपुर उपमण्डल की ग्राम पंचायत, रमेहड़ के घड़हूॅं-दैहण का चयन भी क्लस्टर के रूप में किया गया है। इस क्षेत्र के 50 किसान परिवारों के दस हैक्टेयर (250 कनाल) क्षेत्र में लीची की बेहतरीन क़िस्मों देहरादून, सहारनपुर और रोससेंटेड़ के तीन हज़ार पौधे रोपित किये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार के उद्यान, जल शक्ति तथा ग्रामीण विकास विभाग के सौजन्य से उन्नत क़िस्म के फलों को तैयार करने के लिए 80ः20 के अनुपात में किसानों को सहयोग दिया जा रहा है। इसमें ज़मीन के सुधार कार्य पर 80 प्रतिशत व्यय सरकार द्वारा किया जा रहा है, जबकि शेष 20 प्रतिशत हिस्से की ज़िम्मेवारी किसानों की रहेगी। इसमें भी किसानों को राहत प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा मनरेगा से लगभग 11 लाख रुपये व्यय किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त बाड़बंदी और सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने पर पूरा व्यय सरकार द्वारा किया जा रहा है। यह भी पढ़ें: एपीजी विश्वविद्यालय को मिला मानव संसाधन मंत्रालय का “स्वयंप्रभा”- एनपीटीईएल ऑनलाइन पढाई करवाने का प्रोजेक्ट घड़हूॅं निवासी सुरेंद्र कुमार पिछले 20 वर्षों से लुधियाना में कार्यरत थे। कोविड़-19 के चलते उन्हें नौकरी छोड़कर घर आना पड़ा। लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते वह पिछले दो-तीन माह से घर पर ही हैं। मौजूदा हालत में उन्हें नौकरी पर फिर लौटना मुश्किल लग रहा है। उन्हें रोजगार की चिंता सताने लगी थी, लेकिन जयराम सरकार की शिवा परियोजना से स्वरोज़गार की आस जगी है। उन्होंने अब बागवानी को ही स्वरोज़गार के रूप में अपनाने का फैसला किया है। शिवा प्रोजेक्ट के तहत अपने खेतों में काम कर रहे लोगरमेहड़ पचायत के जगदीश चंद, रमेश चंद, कुशल कुमार, मेहताब सिंह और विधि चंद जैसे लगभग 50 परिवार जंगली और लावारिस पशुओं के आंतक के कारण खेतीबाड़ी छोड़ चुके थे। सैंकड़ो कनाल भूमि का कोई उपयोग न हो पाने के कारण भूमि जंगल बनती जा रही थी। इन किसानों का कहना है कि शिवा प्रदेश सरकार की बहुत अच्छी और लाभदायक योजना साबित होगी। उन्नत पौधे, वैज्ञानिक परामर्श तथा सुझाव, बाड़बंदी की सुविधा, सिंचाई, विपणन और प्रोसेसिंग तक की सहायता से किसानों में उत्साह के साथ आत्मविश्वास पैदा हुआ है। उनका कहना है कि लीची का बगीचा लगाने में सरकारी सहायता से हमारी युवा पीढ़ी भी इस ओर आकर्षित हो रही है। विभागों के आपसी तालमेल से चल रही शिवा परियोजना में रमेहड़ गांव के लोगों को मनरेगा के तहत काम भी मिल रहा है। गांव की महिलाएं यहां काम करने में बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं। यहां काम कर रही अंजना देवी, तृप्ता देवी और विद्या देवी जैसी कई ज़रूरतमंद महिलाएं रोज़गार पाकर खुश हैं और समय पर पैसे मिलने से प्रदेश सरकार का आभार प्रकट कर रही हैं। उपायुक्त कांगड़ा, राकेश कुमार प्रजापति का कहना है कि यह प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना है, जिसमें तीन प्रमुख विभाग किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए सहायता उपलब्ध करवा रहे हैं। इस परियोजना में किसानों के शेयर 20 प्रतिशत निर्धारित है। सरकार ने इसे कम करने के लिए ज़मीन सुधार तथा अन्य कार्यों को मनरेगा के साथ जोड़ा है। इससे किसानों को राहत के साथ लोगों को घर के नज़दीक रोज़गार के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं। किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवा रही सरकार विषयवाद विशेषज्ञ नरोतम कोशल का कहना है कि प्रदेश में फल उत्पादन की अपार संभावनायें हैं। शिवा परियोजना के अतंर्गत लोगों को फल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और इसमें किसानों का भी भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि रमेहड़ में तीन हज़ार उन्नत किस्म के लीची के पौधे रोपित किये जा रहे हैं, जो किसानों को आर्थिक रूप में सुदृढ़ करेंगे। उन्होंने कहा कि ज़िला के अन्य क्षेत्रों के किसान भी क्लस्टर में फल उत्पादन का कार्य आरंभ करने के लिए सम्बंधित खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय में तैनात उद्यान विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।
शिमला। एपी गोयल शिमला कोविड-19 के संकट वाले दौर में भी अपने विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढाई करवाने में सक्षम व पूर्णरूप से सफल रहा है। इसी को देखते हुए बुधवार को एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के चैप्टर में एक और सफलता दर्ज हो गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन और फैकल्टी द्वारा अभी तक करवाई गई सफलता पूर्ण ऑनलाइन पढाई और सुलभ अध्ययन सामग्री उपलब्ध करवाने व ऑनलाइन टेस्ट में अव्वल रहने पर मानव संसाधन मंत्रालय व यूजीसी की ओर से “स्वयंप्रभा” ऑनलाइन स्टडी पोर्टल के अंतर्गत (NATIONAL PROGRAM ON TEACHING LERNING) एन पी टी ई एल लोकल चैप्टर का प्रोजेक्ट प्राप्त हुआ है जिसके जरिए अब एपीजी शिमला विश्विद्यालय अपने विद्यार्थियों को और अधिक बेहतर ढंग से सभी कोर्स की ऑनलाइन पढ़ाई करवाएगा ताकि विद्यार्थियों को स्टडी मटेरिअल से लेकर ऑनलाइन क्लासेज अटेंड करने में और अधिक आसानी हो और विद्यार्थी चौबीस घंटे अपने डैश बोर्ड पर अपने कोर्स के स्टडी मटेरिअल का अवलोकन कर सकें। यह भी पढ़ेंः- हमीरपुर में स्थापित होगा ट्रांसपोर्ट नगर, परिवहन निगम के बेड़े में शामिल होंगी 250 नई बसेंः मुख्यमंत्री
इस प्रोजेक्ट की सफलता का श्रेय एपीजी शिमला विश्विद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ विभागाध्यक्ष डॉ.सुनील ठाकुर, इंजीनियरिंग विभाग के डीन प्रोण् डॉ. आनंद मोहन और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. आरके चौधरी को जाता है। इस प्रोजेक्ट को हासिल करने पर कुलपति चौधरी ने डॉ. सुनील ठाकुर को उनकी मेहनत के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के लिए बड़े गौरव की बात है कि यह प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश में एक मात्र विश्वविद्यालय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ। कुलपति चौधरी ने कहा कि अब इस प्रोजेक्ट के तहत विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाने में और निखार आएगा और विद्यार्थी क्लासरूम स्टडी जैसा स्टडी वातावरण महसूस करेंगे।
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जनशिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्यों...