आदर्श हिमाचल ब्यूरो,
शिमला। 7 एच. पी. (आई) कंपनी एनसीसी शिमला के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल डी. गार्गी इन दिनों शिमला व मंडी जिला के ग्रामीण इलाकों के स्कूल और कॉलेजों में स्वयं दौरा कर छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ उनमें देश भक्ति, राष्ट्र-प्रेम, समाज सेवा, अनुशासन, एनसीसी में शामिल होकर भारतीय सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वहीं इन स्कूल, कॉलेजों में हो रही एनसीसी की गतिविधियों का जायज़ा ले रहे हैं।
कमांडिंग ऑफिसर कर्नल डी.आर. ने कहा कि वह अपने आर्मी स्टॉफ को साथ लेकर सुबह-सुबह अपने ऑफिस से इन दूरवर्ती स्कूलों और कॉलेजों में एनसीसी गतिविधियों का निरक्षण और छात्रों को देश सेवा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ कार्य करने का पाठ संदेश दे रहे हैं और छात्रों से मिलकर उनमें अपने देश व राष्ट्र सेवा की भावना का अलख जगा रहे हैं। कर्नल गार्गी ने कहा कि ग्रामीण युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है पर उनकी प्रतिभा को कॉउंसलिंग, नवाचारों, खेलकूद, एनसीसी की गतिविधियों द्वारा राष्ट्रहित, देशहित और समाजहित में निखारा जाने की जरूरत है। कर्नल डी आर. गार्गी ने कहा कि स्कूलों, कॉलेजों में खेलकूद और एनसीसी छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें नशाखोरी जैसी बुराईयों से दूर रखती है। गार्गी ने कहा कि इस दिशा में स्कूलों, कॉलेजों में काउंसलिंग सैल होना चाहिए ताकि छात्रों और अभिभावकों को छात्र व युवाओं के हित में सही मार्गदर्शन मिलता रहे।
सोमवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शोघी, संधू और रूट्स कंट्री स्कूल बागी शिमला की एनसीसी गतिविधियों बारे निरक्षण के दौरान में अपने संबोधन में कमांडिंग ऑफिसर डी.आर. गार्गी ने कहा कि कैडेटों से एनसीसी के सूत्र वाक्य एकता और अनुशासन को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। कर्नल गार्गी कहा कि बिना उसके आप कैडेट नहीं बनते। उन्होंने गर्ल्स कैडेटों को आर्मी में उपलब्ध अवसर की जानकारी देते हुए कहा कि सेन्ट्रल मिलिट्री पुलिस के रूप में व चयनित हो सकती है
सेना में ऑफिसर बन सकती हैं और सिविल में भी एनसीसी के फायदे मिलते हैं।कि कर्नल गार्गी ने कहा कि भारत को विश्व शक्ति बनाने के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के स्कूल, कॉलेज में पढ़ाई करने वाले युवा ही कल देश का भविष्य बनेंगे। इस विशेष दौरे के दौरान कमांडिंग ऑफिसर कर्नल डीआर गार्गी ने रूट्स कंट्री स्कूल के नए एनसीसी कार्यालय का उद्घाटन भी किया और सभी एएनो, शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को एनसीसी को बेहतर तरीके से चलाए रखने के लिए मार्गदर्शन भी किया।