मंडी: रेहड़ी-फड़ी यूनियन ने घेरा नगर निगम कार्यालय, लाईसेंस और पहचान पत्र जारी को दिया दस दिन का अल्टीमेटम

रेहड़ी फहड़ी यूनियन ने घेरा नगर निगम कार्यालय
रेहड़ी फहड़ी यूनियन ने घेरा नगर निगम कार्यालय
आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
मंडी। शहर में रेहड़ी फड़ी वालों को पिछले दो साल से लाईसेंस और पहचान पत्र जारी न होने और सर्वेक्षण तथा वैंडिंग क्षेत्रों की अधिसूचना जारी न होने के विरोध में आज यूनियन ने नगर निगम कार्यालय का घेराव किया। एक तरफ आज कार्यालय के अंदर निगम की बैठक हो रही थी तो वहीं बाहर निगम की कार्यप्रणाली को लेकर रेहड़ी फहड़ी वाले उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन का नेतृत्व सीटू के ज़िला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और यूनियन के प्रधान सुरेंद्र कुमार शीलू ने किया।.  सीटू महसचिव राजेश शर्मा, प्रवीण कुमार,मनी राम, दीपक कुमार ने भी रेहड़ी वालों को संबोधित किया।उसके बाद मेयर और सभी पार्षदों को माँगपत्र दिया और दस दिन में मांगो को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है ।
भूपेंद्र सिंह ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि जब से मंडी नगर परिषद निगम बनी है तब से अभी तक रेहड़ी फहड़ी वालों को निगम लाइसेंस भी उपलब्ध नहीं करवा पाई है वहीं निगम में शामिल हुए नये क्षेत्रों में रेहड़ी फहड़ी लगाने वालों का सर्वेक्षण भी नहीं किया गया है और उन्हें पुलिस हररोज़ तंग करते हैं।दूसरी तरफ़ कमिशन्नर गैर कानूनी तरीके से रेहड़ियों को हटाने के लिए स्थानीय विधायक के दबाब में फ़ैसले ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेहड़ी फहड़ी के जरिये अपनी आजीविका कमाने में लगे मज़दूरों के अधिकारों रक्षा के  लिए वर्ष 2014 में क़ानून बनाया गया था लेक़िन मंडी नगर निगम रेहड़ीधारकों के रोज़गार की रक्षा करने के बजाये उसे छीनने का काम कर रही है।
पहले भी यूनियन ने हाई कोर्ट में अपने रोज़गार की रक्षा के लिए याचिका दायर की थी जिसके चलते नगर निगम के रेहड़ी हटाने की मुहिम पर रोक लगी थी।लेकिन अब फ़िर से नगर निगम हाई कोर्ट के सटे के बाबजूद रेहड़ियां हटाने के गैर कानूनी कार्यवाही कर रही है।जिसके कारण अब यूनियन ने पुनः कोर्ट में याचिका दायर की है और निगम के ख़िलाफ़ आंदोलन भी शुरू कर दिया है और जल्दी उनकी मांगे पूरी नहीं कि गयी तो आने समय में ये सँघर्ष और तीखा होगा।यूनियन प्रधान सुरेंद्र ने कहा कि मंडी में रेहड़ी मार्केट का निर्माण करने के लिए कई वर्षों से बातें हो रही हैं लेकिन आज तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है और बार बार रेहड़ियों को हटाने के फ़रमान जारी होते रहते हैं।
यूनियन प्रधान सुरेंद्र कुमार शीलू ने बताया कि लाइसेंस जारी करने के लिए सभी से फ़ीस ले ली है लेकिन लाइसेंस जारी नहीं किये गए हैं वहीं गत 20 अप्रैल को कम्मिशनर ने टाउन वैंडिंग कमेटी की बैठक गैर कानूनी तौर पर बुला ली गई थी और उसमें 24 घण्टे में सकोढी पुल से रेहड़ियां हटाने का एकतरफा फैसला लिया गया था जिसका यूनियन ने विरोध किया था जिसके बाद कम्मिशनर को इस बैठक को रद्द करना पड़ा है।यूनियन ने आज फ़िर से निगम को पूर्व में लिए गए लंबित फैसलों को जल्दी पूरा करने की मांग की है अन्यथा यूनियन अपना आंदोलन और तेज़ करेगी।
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