मिलेटस से बनी मिठाइयां लोगों को लग रही स्वादिष्ट, पौष्टिक ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी है लाभकारी

मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से हैं भरपूर

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
ऊना। मोटे अनाज से बनी हुई मिठाईयों/खाद्य पदार्थों को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। क्योंकि लोगों द्वारा पहले इस प्रकार के खाद्य पदार्थों/मिठाइयों को न ही देखा था और न ही खाया था। यूं-यूं लोगों को मोटे अनाज से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी मिल रही है, मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। वर्ष 2023 को अंतराष्ट्रीय मिलेटस वर्ष घोषित होने के उपरांत जिला ऊना में भी मिलेटस के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ रही है। ऊना जिला के स्वयं सहायता समूहों द्वारा मोटे अनाज से बनी मिठाइयां तथा अन्य खाद्य पदार्थ बनाए जा रहे हैं। लोग धीरे-धीरे इनका स्वाद ले रहे हैं जोकि इन्हें काफी भा रहा है जिससे लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
जिला के विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों/शिविरों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा मोटे अनाज से बनी मिठाइयां/खाद्य पदार्थों के स्टॉल लगाए जा रहे हैं जिसमें रागी और बाजरे से लडडू, बिस्किट, बर्फी, चाय के अतिरिक्त अन्य निर्मित खाद्य पदार्थों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है ताकि लोग इसकी महत्ता को समझे और मोटे अनाज को अपने भोजन में शामिल करें। मोटे अनाज से बनी मिठाइयां/खाद्य पदार्थ स्वादिष्ट/पोष्टिक ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी होती हैं। क्योंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं।
ऊना विकास खंड के बनगढ़ गांव के गुरू रविदास स्वयं सहायत समूह की प्रधान कृष्णा देवी ने बताया कि वर्ष 2014 में आत्मा के द्वारा उनका स्वयं सहायता समूह बनाया गया था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में जिला की दो महिलाओं को आत्मा द्वारा मशोबरा में उन्हें मिलेटस के बारे में प्रशिक्षण दिलाया गया। कृष्णा देवी ने बताया कि उन्होंने मशोबरा में मिलेटस से बनने बाले पदार्थों को प्रैक्टिकल तौर पर बनाना सीखा जिसमें चाय, बिस्किट, लडडू व नमकीन खिचड़ी आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि मोटे अनाज जिसमें बाजरा और रागी के प्रतिदिन पांच से सात किलोग्राम बिस्किट तैयार करती हैं जिन्हें लोग घर से ही खरीद कर ले जाते हैं। उन्होंने बताया कि अब उन्हें मोटे अनाज से बनने वाले लडडू, बर्फी इत्यादि मिठाइयों के घर पर ही ऑर्डर भी मिल रहे हैं जिससे वह आर्थिक तौर पर भी मजूबत हो रही हैं। कृष्णा देवी ने मोटे अनाज से बनने वाले खाद्य पदार्थों का प्रशिक्षण दिलवाने के लिए उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन का धन्यवाद किया।
बंगाणा के ग्राम पंचायत बल्ह की भावना देवी ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत विकास खण्ड बंगाणा की तरफ से उन्हें प्रशिक्षण के लिए सुंदरनगर भेजा गया था जहां पर एक सप्ताह तक मोटे अनाज से बनने वाले अनेक व्यंजनों तथा मिष्ठान इत्यादि को बनाने के बारे में महत्वपूर्ण प्रशिक्षण दिया गया। भावना ने बताया कि उनका स्वयं सहायता समूह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत पंजीकृत है। भावना ने बताया कि उन्होंने स्वयं और समूह की अन्य महिलाओं द्वारा भी मोटे अनाज की खेती कर रही हैं ताकि लोगों का रूझान भी मोटे अनाज की खेती करने की ओर बढे़। उन्होंने बताया कि उपमंडल स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों में उन्हें मोटे अनाज से निर्मित उत्पादों का स्टॉल लगाने के लिए भी आत्मा द्वारा मदद प्रदान की जाती है जिससे समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। क्योंकि मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थों की बिक्री धीरे-धीरे बढ़ रही है।
भावना ने बताया कि उनके द्वारा तैयार किए गए बाजरे के लड्डू, रागी (मंडल) की बर्फी और रागी की चाय काफी लोकप्रिय हो रही है। अभी तक उनके द्वारा लगभग एक क्विंटल तक मिलेट्स उत्पाद बनाकर स्थानीय उपभोक्ताओं के अलावा चंडीगढ़ तथा सुंदर नगर में भी बेचे जा चुके हैं। भावना देवी ने बताया कि इस कार्य के लिए जिला प्रशासन ऊना के साथ-साथ उप मंडल प्रशासन बंगाणा तथा विकास खण्ड बंगाणा के आत्मा/एनआरएलएम स्टाफ का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बताया कि मोटे अनाज से तैयार किया गया भोजन व मिष्ठान सहित अन्य खाद्य पदार्थ अन्य अनाजों की तुलना में स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक है यह न केवल पचाने में आसान है बल्कि इससे अनेक प्रकार के जीवन शैली से जुड़े रोग स्वतः ही ठीक होने लगते हैं। राघव शर्मा ने बताया ऊना के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं मोटे अनाज के इस्तेमाल से अनेक प्रकार के मिष्ठान्न व खाद्य उत्पाद तैयार कर रही हैं जिनमें स्वच्छता व गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पाद दिन प्रतिदिन आम लोगों में प्रसिद्ध हो रहे हैं जिसकी बदौलत उनकी मांग निरंतर बढ़ रही है।
महिलाओं द्वारा मोटे अनाज को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे विशेष प्रयासों के बदौलत लोगों को न केवल मोटे अनाज के महत्व बारे ज्ञानवर्धक जानकारी मिल रही है बल्कि इससे इस कार्य में जुटी महिलाओं की आर्थिकी की में सुधार भी हो रहा है।
उपायुक्त ऊना ने कहा कि इस कार्य के लिए आत्मा प्रोजेक्ट द्वारा महिलाओं का सहयोग व मार्गदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भविष्य में इस क्षेत्र में कार्य कर रही महिलाओं के सहयोग के लिए कई और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। राघव शर्मा ने जिला वासियों से अपील की है कि वे जीवन में मिलेट्स से तैयार किए गए खाद्य पदार्थाे का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें तथा अन्य लोगों को भी इस बारे में प्रेरित करें।
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