डीसी ऊना ने ऊना जनपद एक परिचय पुस्तक को बताया एक ऐतिहासिक दस्तावेज

ऊना: जिला ऊना के इतिहास पर प्रकाशित पुस्तक ऊना जनपद संस्करण- 2 एक ऐसा ऐतिहासिक दस्तावेज है, जो जिला ऊना के इतिहास को प्रदर्शित करेगा और पुस्तक में ऊना को लेकर हर जानकारी मिलेगी। यह बात जिलाधीश ऊना राघव शर्मा ने ऊना जनपद एक परिचय संस्करण-2 को लेकर मीडिया से रूबरू होते हुए कही।
राघव शर्मा ने कहा कि इससे पहले जिला प्रशासन ने ऊना जनपद संस्करण- एक का संकलन किया था, जिसे अब आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत दूसरा संस्करण प्रकाशित किया गया है। नए संस्करण में जिला से जुड़ी कुछ नई जानकारियां दी गई हैं। कोरोना काल के काम को भी पुस्तक में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक दस्तावेज रिसर्च व नॉलेज बढ़ाने के काम भी आएगा। ऊना को जो लोग जानना चाहते हैं, उनके लिए यह पुस्तक बहुमूल्य दस्तावेज रहेगी। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक जिला के सभी लाइब्रेरी व स्कूल में उपलब्ध रहेगी। जिलाधीश कार्यालय की रेडक्रॉस शाखा में इस पुस्तक को आम लोगों की खरीददारी के लिए रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोग जो इतिहास में रुचि रखते हैं, वह इसे पढ़ें और विषय में क्या सुधार होना है, क्या जोड़ा जाना है, उसको लेकर के अपने सुझाव भी दे सकते हैं, क्योंकि यह निरंतर चलने वाला क्रम है, जिसे और सुधार करते हुए आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए सभी के सहयोग की जरूरत रहेगी।
जिलाधीश राघव शर्मा ने कहा कि मीडिया कर्मियों ने भी इतिहास के संकलन में अपना बहुमूल्य सहयोग दिया है, उसके लिए सबका आभार है। उन्होंने कहा कि पूर्व में तत्कालीन उपायुक्त केआर भारती ने इस पुस्तक को प्रथम संस्करण प्रकाशित करने के लिए प्रयास किए, जिसे मुझे आगे बढ़ाने का सौभाग्य मिला है और मैं चाहूंगा कि इस में और निखार आता रहे ताकि उनका इतिहास संस्कृति सभ्यता का एक पहचान सबके सामने रहे।
जिलाधीश ऊना राघव शर्मा ने इस मौके पर जिला लोक संपर्क अधिकारी ऊना अरुण पटियाल के प्रयास को भी सराहा और कहा कि इस पुस्तक के प्रकाशन में डीपीआरओ अरुण पटियाल का बहुमूल्य सहयोग मिला है।
इस दौरान डीसी राघव शर्मा ने मीडिया कर्मियों को पुस्तक की एक-एक प्रति भी भेंट की। इस पुस्तक का विमोचन गत दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में किया था।

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